2023-02-28 04:41:42 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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कमिअ -- उपसर्पित, पास आया हुआ ( दे २।३ ) ।
कमेड -- छिपकली, गिलहरी ( ? ) - 'एमेव अडति बोडो लुक्कणिलुक्को जह कमेडो' (जीभा १२३७) ।
कम्मण्ण -- कंकड आदि ( अंवि पृ ५ ) ।
कम्हिअ -- माली, मालाकार ( दे २।८ ) ।
कयंत -- भाग्य ( प्र ३।२४ ) ।
कयग -- कैतव, माया ( निभा २१७४ ) ।
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कयल -- अलिंजर, पानी भरने का बड़ा घड़ा ( दे २।४ ) ।
कयवर -- कचरा ( आ १।८५ ) ।

कयार -- १ कचरा ( विभा १९६७; दे २।११ ) । २ धूल- 'कयारो त्ति व
जो बूया••••••••धूली रयो त्ति रेणु त्ति' ( अंवि पृ १०६ ) ।

कयाह -- उत्तम जाति का अश्व ( कु पृ २३ ) ।
करइल्ली -- शुष्क वृक्ष, सूखा पेड़ ( दे २।१७) ।
) ।
करंक -- १ बड़ा बर्तन ( सूचू १ पृ ११९ ) । २ भिक्षापात्र । ३ अशोक वृक्ष
( दे २।५५ )

करंज -- १ एक अस्थि वाला वृक्ष - विशेष ( प्रज्ञा १।३५ ) । २ सुखी छाल
( दे २।८ ) ।

करंडय -- पोठ के पास की हड्डीं - 'अणगारस्स पिट्ठिकरंडयाणं अयमेयारूवे
तवरूवलावण्णे होत्था' ( अनु ३।३९ ) ।

करंडुक -- पीठ के पास की हड्डी ( प्रटी प ८४ ) ।
करंडुय -- पीठ के पास की हड्डी ( जंबू २।४७) ।
करक
) ।
करक -
- शव - 'उक्खित्तं तं करक' ( कुपृ २२५ ) ।

करकर
करकर -- १ तृण-विशेष ( प्रज्ञा १।४२ ) । २ अत्यंत व्यक्त ( शब्द )
(
( आवहाटी १ पृ १९५) ।
) ।
करकराण -- करकर शब्द करना ( व्यभा ४।३ टी प १९ ) ।

करकी- - -- भाजन - -विशेष ( अंवि पृ ७२ ) ।
करगिल्ल -- पात्र ( आवमटी प ३९७) ।
) ।
करघायल -- दूध का विकार, मावा ( दे २।२२ ) ।

करच्छोडिया -- ताली बजाना - 'दिन्ना य करच्छोडिया' ( उसुटी प २८ ) ।
करटिका -- वाद्य-विशेष ( नंदीटि पृ ९९ ) ।

करड —–-- १ श्राद्ध - विशेष - 'सिवढोढसिवाइ करडं वा' ( निभा ३४८३) ।
) । २ व्याघ्र । २ चितकबरा ( दे २।५५ ) ।
 
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