देशीशब्दकोश /166
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कमेड
कम्मण्ण
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कम्हिअ
कयंत
कयग
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कयल–अलिंजर, पानी भरने का बड़ा घड़ा ( दे २
कयवर कचरा (आ १
कयार -- १ कचरा (विभा १९६७; दे २।११) । २ धूल- 'कयारो त्ति व
जो बूया
कयाह – उत्तम जाति का अश्व ( कु पृ २३ ) ।
करइल्ली - शुष्क वृक्ष, सूखा पेड़ ( दे २।१७) ।
करंक – १ बड़ा बर्तन (सूचू १ पृ ११
( दे २
करंज – १ एक अस्थि वाला वृक्ष - विशेष (प्रज्ञा १।३५ ) । २ सुखी छाल
( दे २
करंडय–पोठ के पास की हड्डीं- 'अणगारस्स पिट्ठिकरंडयाणं अयमेयारूवे
तवरूवलावण्णे होत्था ( अनु ३।३
करंडुक–पीठ के पास की हड्डी (प्रटी प ८४) ।
करंडुय – पीठ के पास की हड्डी ( जंबू २
करक - शव - 'उक्खित्तं तं करक' (कुपृ २२५ ) ।
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करकर - १ तृण-विशेष (प्रज्ञा १
(आवहाटी १ पृ १
करकराण – करकर शब्द करना ( व्यभा ४।३ टी प १
करकी- -भाजन - विशेष (अंवि पृ ७२ ) ।
करगिल्ल – पात्र ( आवमटी प ३
करघायल - दूध का विकार, मावा ( दे २।२२ ) ।
करच्छोडिया – ताली बजाना - दिन्ना य करच्छोडिया' (उसुटी प २८) ।
करटिका - वाद्य-विशेष ( नंदीटि पृ ९
करड —– १ श्राद्ध - विशेष - सिवढोढसिवाइ करडं वा' (निभा ३४८३) ।
२ व्याघ्र । २ चितकबरा ( दे २
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