2023-02-27 13:36:52 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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कण्हाकडभु -- वनस्पति-विशेष ( भ २३।१ ) ।
कण्हाल -- काली मिट्टी की भूमी - 'जहा कण्हाले जं पाणियं पडति तं ण कतोवि ओलुटति' ( आवचू १ पृ १२१ ) ।
कण्हुइ -- १ कुतश्चित्, कहीं भी ( उ १।७ ) । २ किंचित् ( दश्रुचू प ९१ ) ।
कण्हेरी -- मादा पशु-विशेष ( अंवि पृ ६९ ) ।
कतवार -- तृण आदि का समूह ( दे २।११ ) ।
कत्ता -- अन्धिका द्यूत की कपर्दिका, कौड़ी ( दे २।१ ) ।
कत्तोइ -- कहीं ( विपाटी प ८३ ) ।
कत्थइ -- क्वचित् ( प्रा २।१७४ ) ।
कत्थभाणी -- जलीय वनस्पति-विशेष ( प्रज्ञाटी प ३४ ) ।
कत्थलायण -- गोत्र-विशेष ( अंवि पृ १५० ) ।
कत्थूल -- गुल्म-विशेष ( जीव ३।५८० ) ।
कदुक्का -- नालिकाक्रीड़ा ( सूचू १ पृ १७९ ) ।
कद्दमिअ -- महिष, भैंसा ( दे २।१५ ) ।
कद्दुइय -- वल्ली विशेष ( प्रज्ञा १।४०।२ ) ।
कनंगर -- पाषाणमय लंगर ( विपाटी प ७१ ) ।
कन्न 'लइअ' -- कानों में पहिना हुआ, कानों में पिनद्ध ( पिनि ५९१ ) ।
कन्नामोडि -- कान मरोड़ना, कान खींचना ( बुचू प २०६ ) ।
कन्नारोडग -- कानों को बहरा करने वाला ( शब्द ) ( आवचू १ पृ ११० ) ।
कन्नारोडय -- कानों के लिए अवरोधक, रोड़ा ( बृटी पृ ५३ ) ।
कन्नोली -- कान का आभूषण ( पा ८४ ) ।
कपिह -- दुष्ट घोड़ा ( उचू पृ ३० ) ।
कप्पट्ट -- १ बच्चा ( व्याभा ७ टीप ४० ) । २ ईश्वर-पुत्र, धनिक-पुत्र ( व्यमा ४।२ टी प ४० ) ।
कप्पट्ठग -- बच्चा ( निभा ३८० ) ।
कप्पट्टिया -- श्रेष्ठिवधू । २ कुलपुत्री ( स्थाटी प २५३ ) ।
कप्पट्ठी -- १ तरुण स्त्री ( वृभा १८४२ ) । २ बालिका
( व्यमा ४।४ टी प १२ ) । ३ कुलवधू ( व्यभा ४।३ टी प ५२ ) ।
कप्पड -- कपड़ा, वस्त्र ( प्रसा ४३४ ) ।
कप्पणिय -- जाति-विशेष - 'मुरुंडोड्डगोडकप्पणिया' ( कु पृ ४० ) ।
कप्पयारी -- दासी - 'दासीओ कप्पयारीउ त्ति' ( सूचू १ पृ २०१ ) ।