2023-02-23 11:47:44 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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कटुगंध -- नौका खेने का बड़ा बांस ( आचू पृ ३५७ ) ।
कट्ठाहार -- त्रीन्द्रिय जन्तु-विशेष ( प्रज्ञा १।५० ) ।
कट्ठिअ -- द्वारपाल ( दे २।१५ ) ।
कट्ठियव्वग -- खाद्य-विशेष ( निचू २ पृ २४१ ) ।
कट्ठेवट्टक -- कण्ठ का आभूषण ( अंवि पृ १६३ ) ।
कट्ठोरग -- कटोरा ( निचू १ पृ ५१ ) ।
कड -- १ क्षीण । २ मृत ( दे २।५१ ) ।
कडअल्ल -- द्वारपाल ( दे २।१५ ) ।
कडअल्ली -- कण्ठ, गला ( दे २।१५ ) ।
कडइअ -- स्थपति, बढ़ई ( दे २।२२ ) ।
कडइल्ल -- द्वारपाल ( दे २।१५ ) ।
कडंत -- १ मूली का शाक । २ मुसल ( दे २।५६ ) ।
कडंतर -- पुराना छाज आदि उपकरण ( दे २।१६ ) ।
कडंतरिअ -- विदारित ( दे २।२० ) ।
कडंब -- करटिका, वाद्य-विशेष ( राज ७७ ) ।
कडंभुअ -- १ कुम्भग्रीव नामक पात्र-विशेष ( दे २।२० ) । २ घड़े का कण्ठ-भाग - 'कडंभुअं घटस्यैव कण्ठ इति शीलाङ्कः' ( वृ ) ।
कडग -- १ यवनिका, परदा ( आवहाटी २ पृ १७८ ) । २ बांस की चटाई से बना घर ( व्यभा ४।४ टी प १०१ ) ।
कडच्छकी -- कडछी - 'दव्वी तध कवल्ली य दीविक त्ति कडच्छकी' ( अंवि पृ ७२ ) ।
कडच्छु -- लोहे की कर्छी डोई ( दे २।७ ) ।
कडच्छुत -- कर्छी ( निचू २ पृ २५१ ) ।
कडच्छुय -- चम्मच ( ज्ञा १।८।५५ ) ।
कडजुम्म -- युग्म राशि जिसमें चार शेष रहते हैं— सर्वासां दिशां प्रत्येकं ये प्रदेशास्ते चतुष्केनापह्रियमाणाश्चतुष्कावशेषा भवन्तीति कृत्वा
तत्प्रदेशात्मिकाश्च दिश आगमसंज्ञया कडजुम्मत्ति शब्देनाभिधीयन्ते' ( आटी प १३ ) ।
कडणा -- १ छत ( भ ८।२५७ ) । २ त्रट्टिका, बाड ( भटी पृ ६९१ ) ।
कडतला -- लोहे का वह हथियार जो एक ओर से धारवाला और वक्र होता है ( दे २।१९ ) ।