2023-02-23 11:30:26 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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कच्छुल्ल -- १ गुल्म विशेष ( प्रज्ञा १।३८।१२ ) । २ खाज रोग से ग्रस्त - 'तत्थं णं पासड़ एगं पुरिसं - कच्छुल्लं कोढियं दाओयरियं' ( विपा १।७।७ ) ।
कच्छोटक -- लंगोटी धारण करने वाला ( भटी प ५० ) ।
कच्छोट्टग -- कच्छा, लंगोटी ( आवहाटी १ पृ २७६ ) ।
कज्ज -- कचरा ( ओटी प १६२ ) ।
कज्जउड -- अनर्थ ( दे २।१७ ) ।
कज्जत्थ -- कूड़ा-करकट डालने का स्थान, अकुरड़ी- 'कज्जत्थोकुरटिकास्थानम्' ( ओटी प १६२ ) ।
कज्जलमाणी -- डूबती हुई ( नि १८।१६ ) ।
कज्जलावेमाणा -- डूबती हुई - 'णावं कज्जलावेमाणं पेहाए' ( आचूला ३।२२ ) ।
कज्जव -- १ तृण आदि का समूह ( दे २।११ ) । २ विष्ठा ( वृ ) ।
कज्जवय -- कूड़ा-कचरा ( अनुद्वा ३४६ ) ।
कज्जूरी -- खजूर का वृक्ष ( अंवि पृ ७० ) ।
कज्जोव -- उल्का ( अंवि पृ २४५ ) ।
कज्झाल -- सेवाल, एक प्रकार की घास जो जलाशयों में होती है ( दे २।८ ) ।
कटार -- छुरी ( प्रा ४।४४५ ) ।
कट्ट -- १ खंड, टुकड़ा ( अनुटी प ५ ) । २ काट, जंग ( व्यभा ५ टी प ६ ) ।
कट्टर -- १ खंड, अंश - 'चित्तकट्टरे इ वा' ( अनु ३।४० ) । २ कढी में डाला हुआ घी का बड़ा - 'तीमनोन्मिश्रघृतवटिकारूपस्य देश विशेषप्रसिद्धस्य'
( पिटी प १७२ ) ।
कट्टरिगा -- शस्त्र-विशेष, छुरी ( निचू २ पृ ५९ ) ।
कट्टारिया -- कटार, छुरी ( निचू २ पृ ५९ ) ।
कट्टारी -- क्षुरिका, छुरी ( दे २।४ ) ।
कट्टित -- कटा हुआ ( अंवि पृ २५५ ) ।
कट्ठ -- आभूषण-विशेष, एक प्रकार का हार ( अंवि पृ ६५ ) ।
कट्ठंसालुक -- कंठ का रोग विशेष ( अंवि पृ २०३) ।
कट्ठकरण -- खेत - 'कट्ठकरणं णाम छेत्तं' ( आवहाटी १ पृ १५२ ) ।
कट्ठखोड -- आसन-विशेष - 'भद्दासणं पीढगं वा कट्ठखोडो नहट्ठिका' ( अंवि पृ १५ ) ।