2023-02-23 11:30:17 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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देशी शब्दकोश
 
कच्छुल्ल -- १ गुल्म विशेष ( प्रज्ञा १३८ १२।१२ ) । २ खाज रोग से ग्रस्त - 'तत्थं
णं पासड़ एवंगं पुरिसं - कच्छुल्लं कोढियं दाओयरियं'
( विपा १७ ) ।
 
) ।
कच्छोटक -- लंगोटी धारण करने वाला ( भटी प ५० ) ।
 

कच्छोट्टग -- कच्छा, लंगोटी ( आवहाटी १ पृ २७६) ।
) ।
कज्ज -- कचरा ( ओटी प १६२ ) ।
 

कज्जउड -- अनर्थ ( दे २१७) ।
 
) ।
कज्जत्थ -- कूड़ा-करकट डालने का स्थान, अकुरड़ी- 'कज्जत्थोकु रटिकास्थानम्'
( ओटी प १६२ ) ।
 

कज्जलमाणी -- डूबती हुई ( नि १८१६) ।
 
) ।
कज्जलावेमाणा -- डूबती हुई - 'णावं कज्जलावेमाणं पेहाए'
(
( आचूला ३।२२ ) ।
 

कज्जव -- १ तृण आदि का समूह ( दे २१११।११ ) । २ विष्ठा ( वृ ) 1
 
1
 

कज्जवय -- कूड़ा-कचरा ( अनुद्वा ३४६ )

कज्जूरी -- खजूर का वृक्ष ( अंवि पृ ७० ) ।

कज्जोव -- उल्का ( अंवि पृ २४५ ) ।
 

कज्झाल -- सेवाल, एक प्रकार की घास जो जलाशयों में होती है ( दे २८ ) ।

कटार -- छुरी ( प्रा ४,४४५) ।
 
) ।
कट्ट -- १ खंड, टुकड़ा ( अनुटी प ५ ) । २ काट, जंग ( व्यभा ५ टी प ६ )

कट्टर -- १ खंड, अंश - 'चित्तकट्टरे इ वा ' ( अनु ३।४० ) । २ कढी में डाला
हुआ घी का बड़ा - 'तीमनोन्मिश्रघृतवटिकारूपस्य देश विशेषप्रसिद्धस्य
'
( पिटी प १७२ ) ।
 

कट्टरिगा -- शस्त्र - -विशेष, छुरी ( निचू २ पृ ५६) ॥
९ ) ।
कट्टारिया -- कटार, छुरी ( निचू २ पृ ५६ ) ।
९ ) ।
कट्टारी -- क्षुरिका, छुरी ( दे २।४) ।
कति –
) ।
कट्टित --
कटा हुआ ( अंवि पृ २५५ ) ।
 

कट्ठ -- आभूषण-विशेष, एक प्रकार का हार ( अंवि पृ ६५) ।
कट्ठे
) ।
कट्ठं
सालुक -- कंठ का रोग विशेष ( अंवि पृ २०३) ।

कट्ठकरण -- खेत - 'कट्ठकरणं णाम छेत्तं' ( आवहाटी १ पृ १५२ ) ।

कट्ठखोड -- आसन - -विशेष - 'भद्दासणं पीढगं वा कट्ठखोडो नहट्ठिका'
( अंवि पृ १५ ) ।
 
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