2023-02-23 11:14:13 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

This page has been fully proofread twice.

कक्कस -- दध्योदन, करंबा ( दे २।१४ ) ।
कक्कसार -- दध्योदन, करम्बा ( दे २।१४ ) - मयकरिअं लहसि कक्कसारं" (वृ) ।
कक्कावंस -- पर्व वनस्पति, बांस का एक प्रकार ( भ २१।१७ ) ।
कक्किंड -- कृकलास, गिरगिट ( दे २।५ ) ।
कक्कुस -- तुष - 'तुस त्ति कोंटको व त्ति कक्कुसो तप्पणो त्ति वा ' ( अंवि पृ १०६ ) ।
कक्खड -- पीन, पुष्ट ( दे २।११ ) ।
कक्खडंगी -- सखी, सहेली ( दे २।१९ ) ।
कक्खल -- कठोर, कर्कश - कक्खलफासाहिं कमणीहिं' ( निभा ९२९ ) ।
कक्खारुग -- फल-विशेष ( अंवि पृ ६४ ) ।
कग्घाड -- १ अपामार्गं, चिरचिरा, लटजीरा । २ किलाटी, मावा ( दे २।५३ ) ।
कग्घायल -- किलाटी, दूध का विकार ( दे २।२२ ) ।
कचक्खी -- गोत्र-विशेष ( अंवि पृ १५० )।
कच्च -- कार्य ( दे २।२ ) ।
कच्चग -- पात्र-विशेष ( व्यभा ८ टी प २२ ) ।
कच्चाल -- प्रवृत्ति या व्यापार का स्थान, कार्यालय ( दे २।५२ पा ) ।
कच्चोल -- कलश, पात्र-विशेष ( उसुटी प २८० ) ।
कच्छ -- गुठली का एक अवयव जो तुष रहित हो ( आचू पृ ३४० ) ।
कच्छभाणिया -- साधारण वनस्पति विशेष ( सू २।३।४३ ) ।
कच्छभाणी -- जलीय वनस्पति विशेष ( प्रज्ञा १।४६ ) ।
कच्छभी -- तापस का उपकरण-विशेष - 'हत्थकयकच्छभीए-कच्छपिका तदुपकरणविशेष:' ( ज्ञाटी प २२७ ) ।
कच्छर -- पंक, कीचड़ ( दे २।२ ) ।
कच्छवी -- पुस्तक का एक प्रकार जिसके दोनों किनारे छोटे तथा मध्यभाग मोटा हो - कच्छवि अंते तणुओ मज्झे पिहुलो मुणेयव्वो' ( प्रसा ६६५ ) ।
कच्छा -- कच्छा, लाट देश में पहना जाने वाला स्त्रियों का परिधान-विशेष- 'लाडाणं कच्छा सा मरहट्ठयाणं भोयडा भण्णति' ( निचू १ पृ ५२ ) ।
कच्छुरिअ -- ईषित, जिसकी ईर्ष्या की गई हो वह ( दे २।१६ ) ।
कच्छुरी -- कपिकच्छू, केवाच ( प्रज्ञा १।३७।१; दे २।११ ) ।