देशीशब्दकोश /146
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ओच्छुपीय -- बीज, धान्य - 'एगत्थ ओच्छुपीया णीणिज्जंति' ( आवचू १ पृ १११ ) ।
ओछाडित -- आच्छादित ( अंवि पृ २४४ ) ।
ओज्जल्ल -- बलवान्, प्रबल ( दे १।१५४) ।
ओज्जाय -- गर्जित ( दे १।१५४ ) ।
ओज्झ -- मैला, अस्वच्छ ( दे १।१४८ ) ।
ओज्झमण -- पलायन ( दे १।१०३ वृ )
ओज्झर -- निर्झर ( से १।५६ ) ।
ओज्झरिय -- १ टेढी नजर से देखा हुआ, कानी आंख से देखा हुआ । २ विक्षिप्त, पागल । ३ क्षिप्त, फेंका हुआ । ४ त्यक्त ( दे १।१३३ वृ ) ।
ओज्झरी -- ओझ, आंत का आवरण ( दे १।१५७ ) ।
ओज्झाय -- दूसरे को धक्का देकर छीन लेना ( दे १।१५९ ) ।
ओट्टिय ( दोट्टिय, दोद्धिय ? ) तुंबा ( आवहाटी १ पृ २८३ ) ।
ओड -- १ भूमि खोदने वाला ( स्थाटी प १९६ ) । २ कूप ( आवटि प २४ ) ।
ओडड्ढ -- अनुरक्त, रागी ( दे १।१५६ ) ।
ओडिका -- अंश, खंड ( आवटि प ९७ ) ।
ओड्ड -- वस्त्र-शिल्पी ( अंवि पृ १६१ ) ।
ओड्डय -- छिपाव, गुप्त - 'तेसिं च पोत्ताणि हीरंति, ओड्डएण अच्छंति' ( आवचू १ पृ १११ ) ।
ओड्ढण -- ओढन, उत्तरीय वस्त्र ( दे १ । १५५) ।
ओड्ढिय -- ओढा हुआ, धारण किया हुआ - 'परिहिअमोड्ढणमोड्ढिअमोइत्तं' ( दे १।१५५ वृ ) ।
ओणिव्व -- वल्मीक, कृमि पर्वत, चींटियों द्वारा खोदी गई मिट्टी का ढेर ( दे १।१५१ ) ।
ओणीवी -- नीव्र, छत का प्रान्त भाग ( दे १।१५० ) ।
ओणुणअ -- अभिभूत, पराभूत ( दे १।१५८ ) ।
ओणेज्ज -- सांचे में मोम आदि की विभिन्न आकृतियों की रचना - 'ओणेज्जं मदणविच्छित्ति-विसेसा' ( दअचू पृ ३९ ) ।
ओत्तलहअ -- वृक्ष ( दे १।११९ वृ ) ।
ओत्थइअ -- व्याप्त ( से ११।५९ ) ।
ओछाडित -- आच्छादित ( अंवि पृ २४४ ) ।
ओज्जल्ल -- बलवान्, प्रबल ( दे १।१५४) ।
ओज्जाय -- गर्जित ( दे १।१५४ ) ।
ओज्झ -- मैला, अस्वच्छ ( दे १।१४८ ) ।
ओज्झमण -- पलायन ( दे १।१०३ वृ )
ओज्झर -- निर्झर ( से १।५६ ) ।
ओज्झरिय -- १ टेढी नजर से देखा हुआ, कानी आंख से देखा हुआ । २ विक्षिप्त, पागल । ३ क्षिप्त, फेंका हुआ । ४ त्यक्त ( दे १।१३३ वृ ) ।
ओज्झरी -- ओझ, आंत का आवरण ( दे १।१५७ ) ।
ओज्झाय -- दूसरे को धक्का देकर छीन लेना ( दे १।१५९ ) ।
ओट्टिय ( दोट्टिय, दोद्धिय ? ) तुंबा ( आवहाटी १ पृ २८३ ) ।
ओड -- १ भूमि खोदने वाला ( स्थाटी प १९६ ) । २ कूप ( आवटि प २४ ) ।
ओडड्ढ -- अनुरक्त, रागी ( दे १।१५६ ) ।
ओडिका -- अंश, खंड ( आवटि प ९७ ) ।
ओड्ड -- वस्त्र-शिल्पी ( अंवि पृ १६१ ) ।
ओड्डय -- छिपाव, गुप्त - 'तेसिं च पोत्ताणि हीरंति, ओड्डएण अच्छंति' ( आवचू १ पृ १११ ) ।
ओड्ढण -- ओढन, उत्तरीय वस्त्र ( दे १ । १५५) ।
ओड्ढिय -- ओढा हुआ, धारण किया हुआ - 'परिहिअमोड्ढणमोड्ढिअमोइत्तं' ( दे १।१५५ वृ ) ।
ओणिव्व -- वल्मीक, कृमि पर्वत, चींटियों द्वारा खोदी गई मिट्टी का ढेर ( दे १।१५१ ) ।
ओणीवी -- नीव्र, छत का प्रान्त भाग ( दे १।१५० ) ।
ओणुणअ -- अभिभूत, पराभूत ( दे १।१५८ ) ।
ओणेज्ज -- सांचे में मोम आदि की विभिन्न आकृतियों की रचना - 'ओणेज्जं मदणविच्छित्ति-विसेसा' ( दअचू पृ ३९ ) ।
ओत्तलहअ -- वृक्ष ( दे १।११९ वृ ) ।
ओत्थइअ -- व्याप्त ( से ११।५९ ) ।