2023-02-22 19:40:21 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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ओक्किअ -- १ निवास, अवस्थान ( दे १।१५१ ) । २ वमन ( वृ ) ।
ओक्कुट्ठ -- सचित्त वनस्पति का चूर्ण - 'सचित्तवणस्सती चुण्णो ओक्कुट्टो भण्णति' ( निचू २ पृ २९० ) ।
ओक्खंडिअ -- आक्रान्त ( दे १।११२ ) ।
ओक्खंद -- शत्रु सेना द्वारा नगर का घेराव - 'कोसलेण रण्णा ओक्खंदं दाऊण भेल्लियं तं संणिवेसं ' ( कु पृ ९९ ) ।
ओक्खिण्ण -- १ अवकीर्ण । २ आच्छादित । ३ जिसके दोनों पार्श्व अत्यंत शिथिल हों, वह (दे १ । दे १।१३० वृ ) ।
ओखंद -- १ सेना का पडाव या सेना का घेराव ( निभा २४०१ ) । २ डाका, घाटी ( बृभा ४८३८ ) ।
ओगुंठी -- घूंघट, मस्तक पर डाला हुआ वस्त्र 'कंबलरयणोगुठि काउं रण्णो ठिओ पुरतो' ( ति ७९१ ) ।
ओग्गाल -- जल का लघु प्रवाह ( दे १।१५१ ) ।
ओग्गिअ -- अभिभूत, पराजित ( दे १।१५८ ) ।
ओग्गीअ -- हिम, बर्फ ( दे १।१४९ ) ।
ओघसर -- १ अनर्थ । २ घर से निकलने वाला जलप्रवाह ( दे १।१७० ) ।
ओचार -- धान्य रखने का कोठा या पात्र-विशेष - 'अपचारि-दीर्घतरधान्य -कोष्ठाकारविशेषः' ( अनुद्वामटी प १४० ) ।
ओचिय -- आरोपित ( जीवटी प १९९ ) ।
ओचुल्ल -- चुल्ली का एक भाग ( दे १।१५३ ) ।
ओचूलयालग -- नीचा सिर और ऊपर पांव कर पानी में डुबोना ( विपाटी प ७२ ) ।
ओच्चेल्लर -- १ खिल भूमि, ऊषर भूमि, हल आदि से बिना जोती हुई भूमि । २ साथल के रोम ( दे १।१३६ ) ।
ओच्छग -- वस्त्र ( आवहाटी २ पृ १२८ ) ।
ओच्छट्ट -- चोर ( दे १।१०१ वृ ) ।
ओच्छत्त -- दतौन, दतवन ( दे ११५२ )।
ओच्छविय -- आच्छादित ( ज्ञाटी प ३१ ) ।
ओच्छाइय -- आच्छादित ( प्रटी प १३४ ) ।
ओच्छिअ -- केशों को संवारना ( दे १।१५० ) ।