2023-02-22 10:14:59 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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उलणा -- देवी-विशेष ( अंवि पृ २२३ ) ।
उलवी -- पानी को सुगंधित करनेवाला एक प्रकार का घास ( पा ६२८ ) ।
उलाण -- बाज पक्षी - 'उलाणसिंगतससयाण जालच्छइयाए' ( निचू २ पृ २८१ ) ।
उलिअ -- निकूणित आंख वाला, टेढी आंख वाला ( १।८८ )।
उलित्त -- ऊंचा कुंआ, ऊंची भूमी पर स्थित कुंआ ( दे १।८६ ) ।
उलुउंडिअ -- १ प्रलुठित । २ विरेचित ( दे १।११९ ) ।
उलुकसिअ -- पुलकित ( दे १।११५ ) ।
उलुखंड -- उल्मुक, अलात ( दे १।१०७ ) ।
उलुफुंटिअ -- १ विनिपातित । २ प्रशान्त ( दे १।१३८ ) ।
उलुहंत -- काक, कौआ ( दे १।१०९ ) ।
उलुहलिअ -- जो कभी तृप्त नहीं होता, अतृप्त ( दे १।११७ ) ।
उल्लअण -- अर्पण ( से ११।५१ ) ।
उल्लंकय -- काष्ठपात्र - उल्लंकओ कट्ठमओ पत्तो' ( निभा ४११३ ) ।
उल्लंचिय -- खाली करना - 'सो तस्स कए समुद्दं उल्लंचिउमाढत्तो' ( आवहाटी १ पृ २७६ ) ।
उल्लंठ -- उद्धत - 'उल्लंठवयणा विग्घाणि करेंति' ( उसुटी प ६६ ) ।
उल्लंडग -- मिट्टी का गोला- 'उल्लंडगा परिबज्झंति मृद्गोलकमित्यर्थः' ( निचू ३ पृ १६० ) ।
उल्लंडिअ -- बाहर निकाला हुआ, रिक्त किया हुआ ( पा ५९२ ) ।
उल्लग -- कृश, क्षीण - सा उल्लगसरीरा जाया' ( उशाटी प ३०० )
उल्लढ -- शुष्क, सूखा ( ओटी पृ ३५६ पा ) ।
उल्लण -- छाछ से गीला किया हुआ ओदन, खाद्य- विशेष ( पिनि ६२४ ) ।
उल्लणिया -- शरीर पोंछने का वस्त्र, तोलिया ( उपा १।२९ ) ।
उल्लत्थपल्लत्थ -- असमंजस, उलट पलट, अव्यवस्थित - 'उल्लत्थपल्लत्था से आलावया दिज्जंति' ( आवहाटी २ पृ ९१ ) ।
उल्लद -- उतार कर - 'तत्थ बइल्ले उल्लदेत्ता उवक्खडेंति' ( आवहाटी १ पृ १९४ ) ।
उल्लरय -- कौडिओं का आभूषण ( दे १।११० ) ।
उल्ललिअ -- शिथिल, ढीला ( दे १।१०४ )।
उल्लसिय -- पुलकित ( दे १।११५ ) ।