2023-02-22 10:04:10 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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उरंउरेण -- साक्षात् -'रहबलेण वा चाउरंगेणं पि उरंउरेणं गिण्हित्तए' ( विपा १।३।५० ) !
उरंमुह -- ओंधेमुंह - 'परंमुहा पडंतु उरंमुहा पासेल्लिया (वा) ' ? ( आवहाटी १ पृ २८५ ) ।
उरच्छक -- मद्य का बड़ा पात्र ( अंवि पृ २५९ ) ।
उरणा -- वेणी में गूंथा जाने वाला ऊन का आभरण ( अंवि पृ ६४ ) ।
उरणि -- जन्तु- विशेष ( बृभा ५८८३ ) ।
उरणी -- त्रीन्द्रिय जंतु विशेष ( अंवि पृ २३७ ) ।
उरत्त -- खण्डित, विदारित ( दे १।९० ) ।
उरत्थय -- कवच, वर्म ( पा २७४ ) ।
उररि -- पशु, बकरा ( दे १।८८ ) ।
उरल -- १ स्थूल, बड़ा । २ असघन, विरल - 'उरलं तिविरलं न तु घनम्' ( प्रज्ञाटी प २६९ ) ।
उराल -- १ सुन्दर - 'अणुस्सुओ उरालेसु जयमाणो परिव्वए' ( सू १।६।३० ) । २ प्रधान ( स्था १०।१०३ ) । ३ भीषण - 'भीमा भय भेरवा उराला ( उ १५।१४ ) । ४ विशाल विस्तृत - 'भण्णइ य तहोरालं
वित्थरवंतवणस्सति पप्प । पयतीय णत्थि अण्णं एद्दहमेत्तं विसालंति ॥' ( अनुद्वाहाटी पृ ८७ ) । ५ हरित वनस्पति-विशेष ( प्रज्ञा १।४४ ) ।
उरालक -- धान्य-विशेष ( अंवि पृ ६६ ) ।
उरालिय -- औदारिक शरीर- 'मंसट्ठिहारुबद्धं उरालियं समयपरिभासा' ( अनुद्वाहाटी पृ ८७ )।
उरिणण -- कपास निकालना ( ओटी पृ ३७३ पा ) ।
उरुणण -- कपास निकालना ( ओटी पृ ३७३ ) ।
उरुणी -- गृह उपकरण ( अंवि पृ १४२ ) ।
उरुपुल्ल -- १ अपूप, पूआ । २ धान्यों के मिश्रण से बना खाद्य, खिचड़ी आदि ( दे १।१३४ ) ।
उरु मिल्ल -- प्रेरित ( दे १।१०८ ) ।
उरुलंलुंचग -- त्रीन्द्रिय जन्तु-विशेष ( प्रज्ञा १।५० ) ।
उरुसोल्ल -- प्रेरित ( दे १।१०८ ) ।
उलइय ( ओलइय ? ) -- लटका दिया ( व्यभा १० टी प ८० ) ।
उलग -- हल चलाने वाला - 'उलगादिभतओ भतीए घेप्पति' ( दश्रुचू प ३८ ) ।