2023-02-21 10:07:54 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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उक्कारिग -- अलग होने का भेद-विशेष, जैसे एरंड के बीज से छिलका अलग होता है ( सूचू १ पृ १३० ) ।
उक्कासिअ -- उत्थित, उठा हुआ ( दे १।११४ ) ।
उक्किट्ठि -- निन्दा-'पाणिए निब्बुड्डो, उक्किट्ठी कया, एवं डंभएहिं लोगो खज्जइ त्ति' ( आवहाटी १ पृ २७५ ) ।
उक्कुंड -- उन्मत्त ( दे १।९१ ) ।
उक्कुट्ठ -- आनन्द की महाध्वनि-'उत्कृष्टिनाद-आनन्दमहाध्वनिरित्यर्थः' ( प्रटी प ४९ ) ।
उक्फुट्ठि -- १ खुशी की ध्वनि ( ति १३५ ) । २ ऊंचे स्वर से पुकारना-'उक्कुट्ठी पुक्कारो' ( जीभा १७२२ ) । ३ निंदा-'ण य कोलाहलं करे, ण उक्कुट्टिबोलं वा करेज्ज रायसंसारियं वा' ( सूचू १ पृ १८२ ) ।
उक्कुडनिक्कुडिया -- बार बार उठ बैठकर झांकना-'उक्कुडनिक्कुडियाहिं पलोएति कं वेलं देसकालो भविस्सइ त्ति' ( आवमटी प २८१ ) ।
उक्फुडिक -- कूडा-करकट डालने का स्थान ( अंवि पृ २०६ ) ।
उक्कुडुनिउडिया -- बार बार उठ-बैठकर झांकना-'उक्कुडुनिउडियाहिं पलोएति कं वेलं देसकालो भविस्सइ त्ति' ( आवचू १ पृ २८९ ) ।
उक्कुरुड -- १ ईंट, काठ आदि का ढेर ( बृभा २६५३ ) । २ अकुरडी, घूरा, कचरा डालने का स्थान ( बृभा १९२५; दे १।११० ) । ३ रत्नों की राशि - 'उक्कुरुडो रत्नादीनामपि राशि:' ( वृ ) ।
उक्कुरुडय -- ढेर, कूडा डालने का स्थान ( अनुद्वा ३४६ ) ।
उक्कुरुडिक -- घूरा, कूडा डालने का स्थान ( अंवि पृ २०६ ) ।
उक्कुरुडिया -- कूडा डालने की जगह - एयं तुमं दारगं एगंते उक्कुरुडियाए उज्झाहि' ( विपा १।१।६५ ) ।
उक्कुरुडी -- घूरा, कचरा डालने का स्थान ( दे १।११० ) – 'णच्चसि चडिअ उक्कुरुडि' ( वृ ) ।
उक्कुलिंणी -- गृह-उपकरण, भांड-विशेष ( अंवि पृ ७२ ) ।
उक्केर -- १ समूह (ओनि ७०४) । २ उपहार, भेंट ( दे १।९६ )।
उक्केलाविय -- उकेलाया हुआ, खुलवाया हुआ - 'राइणा उक्केलावियाईं चोल्लयाईं, निरूवियाईं समंतओ' ( उसुटी प ६५ ) ।
उक्केल्ल -- उकेलना, एक-एक कर उखाडना ( दजिचू पृ १२४ ) ।
उक्कोड -- १ राज्यकर ( प्र ३।११ ) । २ रिश्वत ( आचू पृ २३७ ) ।