2023-02-21 09:40:28 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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उंबा -- बन्धन ( दे १८६ ) ।
 

उंबी - - पका हुआ गेहूं ( दे १८६ ) ।
 

उंबेभरिया -- एकास्थिक वृक्ष - -विशेष ( प्रज्ञा १३५ ) ।
 

उकरड -- कूडा-करकट डालने का स्थान- भाषायाम् उकुरडो इति प्रसिद्धं
मलनिक्षेपणस्थानम्' ( राजटी पृ २६ ) ।
 

उकुरटिका -- अकुरड़ी, कूड़ा डालने का स्थान ( ओटी प १६२ ) ।
 

उक्क -- पाद-पतन, पैरों में गिरना ( दे १८५ ) ।
 
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उक्कंचण -- १ बंधन- 'वंसग कडणोक्कंचण छावण छेवण दुवार भूमी य
( बृभा ५८३ ) । २ माया ( दश्रुचू प ४० ) । ३ झूठी प्रशंसा,
चापलूसी, अगुणी के गुण बताना ( ज्ञाटी प ८६ ) । ४ घूंस,
रिश्वत । ५ मूर्ख या भोले पुरुष को ठगने वाले धूतं का,
र्त का, समीपस्थ विचक्षण व्यक्ति के भय से, कुछ समय के लिए निश्चेष्ट
रहना ( ज्ञाटी प २४५ ) । ६ मानोन्मान में कुटिलता करने वाले
ठग का, अधिकारी की उपस्थिति में, कहीं यह राजा को मेरी

शिकायत न कर दे, इस चिन्तन से छुप जाना ( सूचू २ पृ ४६२)
 
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) ।
उक्कंठुलय -- उत्सुक ( कु पृ १३४) ।
) ।
उक्कंडा -- रिश्वत, लंचा ( दे १९२ ) ।
 
देशी शब्दकोश
 

उक्कंति -- कूपतुला, कुएं से पानी खींचने का साधन ( दे १८७) ।
) ।
उक्कंती -- कूपतुला ( दे १८७ ) ।
 

उक्कंदि -- कूपतुला, कूप से पानी खींचने का साधन ( दे १८७)।
)।
उक्कंदी -- कूपतुला ( दे १८७) ।
 
) ।
उक्कंपित -- बांस की खपचियों से बांधा हुआ ( दश्रुचू प ६५) ।
 
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) ।
उक्कंबिय -- बांस की खपचियों से बांधा हुआ - 'कडिए वा उक्कंबिए वा छन्ने
वा लित्ते वा' ( आचूला २।१०) ।
 
) ।
उक्कड -- त्रीन्द्रिय जंतु- विशेष ( प्रज्ञा १।५० ) ।
 

उक्कडिअ -- तोड़ा हुआ, छिन्न ( पा ४६) ।
 
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) ।
उक्कल -- मकड़ी ( उ ३६।१३७) ।
 
) ।
उक्कलिय -- १ त्रीन्द्रिय जन्तु, मकड़ी ( प्रज्ञा १५० ) । २ उबला हुआ।
 

उक्कली -- मकड़ी, लूता ( दअचू पृ १८८ ) ।
 
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उक्का –

उक्का --
कूपतुला, कुएं से पानी खींचने का साधन ( दे १८७ )।

उक्कारिका -- खाद्य पदार्थ -विशेष ( अंवि पृ १८२ ) ।
 
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