2023-02-21 04:33:14 by श्री अयनः चट्टोपाध्यायः

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देशी शब्दकोश
 
चालिज्जति, तत्थ देवता काधिति, कहेंतस्स परिसिणापसिणं भवति,
स एव इंखिणि भण्णति' ( निचू ३ पृ ३८३) ।
 
) ।
इंखिणिया- -- १ अवहेलना - -'अदु इंखिणिया उ पाविया' (सू ११२९।२।२४) ।
२ घुघरु, घंटिका-इंखिणियाओ-घंटियाओ'
( आवचू १ पृ १५७ )
 

इंखिणी- १ खि -- १ खिंसणा, निन्दा - -'अहsसेयकरी अण्णेसि इंखिणी' ( सू १ । २ । ।२।२३ )
-
-'इंखिणी णाम खिखिंसणा निन्दणा होहीलणा' ( सूचू १ पृ ५६ ) ।
९ ) । २ किंकिणी, छोटी घंटिका ( आवदी प ६० )
-

इंगाली --
इक्षुखण्ड ( दे १६)।
 
४०
 
इंगाली-
'
९ )।
इंघिय – व्घ्रात, सूंघा हुआ ( दे १८०)।
 
)।
इंचक -- मत्स्य- विशेष ( अंवि पृ २२८ ) - 'इंचका कुडुकालक सित्मच्छका
••••'
इंदगाइ -- वे कीट जो युक्त होकर एक के ऊपर एक चढ़कर घूमते हैं
( दे १।८१ ) ।
 
-
 
इंब
( दे १।८१ ) ।
इंद
ग्गि -- हिम, बर्फ ( दे
 
१९
१।८० ) ।
 

इंदग्गिधूम -- हिम, बर्फ ( दे १८० ) ।
 

'इंदट्ठलअ -- 'इन्द्रमह' उत्सव की संपन्नता पर विधिपूर्वक 'इन्द्रध्वज' को
हटाना ( दे १९८२)
 
।८२) ।
इंदड्लय -- 'इन्द्रमह' उत्सव की संपन्नता पर विधिपूर्वक 'इन्द्रध्वज' को
हटाना ( दे ११८२ ) ।
 
।८२ ) ।
इंदमह -- १ कार्तिकेय । २ कुमारावस्था ( दे १।८१) ।
 
-
 
) ।
इंदमहकामुय -- कुत्ता ( दे ११५२ ) ।
 
।८२ ) ।
इंदिआलि -- भूमीकर्म की विद्या का अभीष्ट शब्द, मंत्र - विशेष का शब्द -
-'इमा भूमीकम्मस्स विज्जा-इंदिआली इंदिआालि माहिदे मारुदि
स्वाहा' ( अंवि पृ८)।
 
८ )।
इंदिआली -- भूमिकर्म की विद्या का अभीष्ट शब्द, मंत्र- विशेष का शब्द
( अंवि पृ८८ ) ।
 
इं
८ ) ।
इंदिं
दिदिर र -- भ्रमर ( दे १६ ) - ९ ) -'कैश्चित् इंदिदिंदिर शब्दोऽपि देश्य उक्तः' ।

इंदोवत्त -- इन्द्रगोपक, वर्षाऋतु में होने वाला लाल या सफेद रंग का कीट-
विशेष (दे ११८१) ।
 
दे १।८१ ) ।
इक --- प्रवेश - -'इकमप्पए पवेसण मेयं ' ( विभा ३४८३ ) - 'इकशब्दो देशीवचनः
क्वापि प्रवेशार्थे वर्तते' ( टी पृ ३४३ ) ।
 
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