देशीशब्दकोश /106
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आलिसंद -- धान्य-विशेष ( प्रज्ञा १।४५।१ ) ।
आलिसंदग -- धान्य-विशेष, चवला ( भ ६।१३० ) ।
आलीघरय -- वनस्पति-विशेष ( ज्ञा १२।२० ) ।
आलील -- निकट भविष्य में होने वाला भय ( दे १।६५ ) ।
आलीवण -- प्रदीप्त अग्नि ( दे १।७१ ) । पलेवणुं ( गुज ) ।
आलु -- आलू, कन्द-विशेष ( भ २३।२ ) ।
आलुका -- कुण्डिका, छोटा घड़ा ( अनुटी पृ ५ ) ।
आलुगा -- छोटा घड़ा ( सूचू १ पृ ११७ ) ।
आलुय -- आलू, कंद-विशेष ( भ २३ ) ।
आलुया -- कुंडिका ( अंतटी पृ ५ ) ।
आवंग -- अपामार्ग का वृक्ष ( दे १।६२ ) ।
आवट्टिआ -- १ नववधू । २ परतन्त्र स्त्री ( दे १।७७ )।
आवडिअ -- १ संबद्ध । २ सार ( दे १।७८ ) ।
आवरेइअ -- कारिका, मद्य परोसने का पात्र ( दे १।७१ ) ।
आवलिका -- कंठ का आभूषण-'हार-अद्धहार-आवलिका' ( अंवि पृ १६२ ) ।
आवल्ल -- बलीवर्द, बैल ( उशाटी प १९२ ) ।
आवल्लक -- १ नौका चलाने का एक साधन । २ वलयबाहा-नौका का लंबा काष्ठ जिस पर ध्वजा बांधी जाती है-'दीर्घकाष्ठलक्षणबाहुषु आवल्ल केष्विति सम्भाव्यते' ( ज्ञाटी प १४३ ) ।
आवाडा -- चिलात, एक अनार्य जाति- 'आवाडा नाम चिलाता परिवसंति' ( आवचू १ पृ १९४ )।
आवाल -- जल के निकट का प्रदेश ( दे १।७० वृ ) ।
आवालय -- जल के निकट का प्रदेश ( दे १।७० ) ।
आवाह -- १ वरपक्षसंबंधी भोज ( व्यभा ९ टी प ८ ) । २ नव विवाहित वर-वधू को लाना-आवाह: अभिनवपरणीतस्य वधूवरस्यानयनम्' ( प्रटी प १३९ ) ।
आतिवि -- १ प्रसव-पीड़ा । २ नित्य । ३ दृष्ट, देखा हुआ ( दे १।७३ ) ।
आविंग -- १ इन्द्रगोप, क्षुद्र कीट-विशेष । २ मथित ( दे १।७६ ) ३ पिरोया हुआ ( पा ३५५ ) ।
आविअज्झा -- १ नववधू । २ पराधीन स्त्री ( दे १।७७ ) ।
आविद्ध -- प्रेरित ( दे १।६३ ) ।
आलिसंदग -- धान्य-विशेष, चवला ( भ ६।१३० ) ।
आलीघरय -- वनस्पति-विशेष ( ज्ञा १२।२० ) ।
आलील -- निकट भविष्य में होने वाला भय ( दे १।६५ ) ।
आलीवण -- प्रदीप्त अग्नि ( दे १।७१ ) । पलेवणुं ( गुज ) ।
आलु -- आलू, कन्द-विशेष ( भ २३।२ ) ।
आलुका -- कुण्डिका, छोटा घड़ा ( अनुटी पृ ५ ) ।
आलुगा -- छोटा घड़ा ( सूचू १ पृ ११७ ) ।
आलुय -- आलू, कंद-विशेष ( भ २३ ) ।
आलुया -- कुंडिका ( अंतटी पृ ५ ) ।
आवंग -- अपामार्ग का वृक्ष ( दे १।६२ ) ।
आवट्टिआ -- १ नववधू । २ परतन्त्र स्त्री ( दे १।७७ )।
आवडिअ -- १ संबद्ध । २ सार ( दे १।७८ ) ।
आवरेइअ -- कारिका, मद्य परोसने का पात्र ( दे १।७१ ) ।
आवलिका -- कंठ का आभूषण-'हार-अद्धहार-आवलिका' ( अंवि पृ १६२ ) ।
आवल्ल -- बलीवर्द, बैल ( उशाटी प १९२ ) ।
आवल्लक -- १ नौका चलाने का एक साधन । २ वलयबाहा-नौका का लंबा काष्ठ जिस पर ध्वजा बांधी जाती है-'दीर्घकाष्ठलक्षणबाहुषु आवल्ल केष्विति सम्भाव्यते' ( ज्ञाटी प १४३ ) ।
आवाडा -- चिलात, एक अनार्य जाति- 'आवाडा नाम चिलाता परिवसंति' ( आवचू १ पृ १९४ )।
आवाल -- जल के निकट का प्रदेश ( दे १।७० वृ ) ।
आवालय -- जल के निकट का प्रदेश ( दे १।७० ) ।
आवाह -- १ वरपक्षसंबंधी भोज ( व्यभा ९ टी प ८ ) । २ नव विवाहित वर-वधू को लाना-आवाह: अभिनवपरणीतस्य वधूवरस्यानयनम्' ( प्रटी प १३९ ) ।
आ
आविंग -- १ इन्द्रगोप, क्षुद्र कीट-विशेष । २ मथित ( दे १।७६ ) ३ पिरोया हुआ ( पा ३५५ ) ।
आविअज्झा -- १ नववधू । २ पराधीन स्त्री ( दे १।७७ ) ।
आविद्ध -- प्रेरित ( दे १।६३ ) ।