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देशी शब्दकोश
 
आधारिका --तापसों का चर्ममय 'थोकनउ' जो कांख में धारण किया जाता
है (नंदीटि पृ १०१) ।
 
आपुरायण — गोत्र- विशेष ( अंवि पृ १५० ) ।
आफकी – वृक्ष विशेष ( अंवि पृ ७० ) ।
आफर–द्यूत, जुआ ( दे १९६३) ।
आभट्ट – विज्ञप्त, संभाषित ( उशाटीप १७३) ।
 
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आभोग– उपकरण - एगाभोग पडिग्गह केई सव्वाणि न य पुरओ', आभोगः
उपकरणम्' (ओनि ३६, टीप ३३ ) ।
 
आभोगिणी - मानसिक निर्णय कराने वाली विद्या विशेष (बृभा ४६३३ ) ।
आमंड आंवला (आवहाटी १ पृ २६१) ।
११६८ ) ।
 
– ओंधा किया हुआ (कु पृ २७ ) ।
 
आमंडण–भाण्ड, पात्र ( दे
आमंथिय (ओमंथिय ? )
 
आमडाग – १ कच्चे पत्ते । २ अर्द्धपक्व या अपक्व अरणिक-तंदुलक
( आटी प ३४८) ।
 
आमलक-बहुबीजक वनस्पति विशेष – 'नव रमिहामलकादयो न लोक-
प्रसिद्धाः प्रतिपत्तव्याः, तेषामेकास्थिकत्वात्, किन्तु देशविशेष-
प्रसिद्धा बहुबीजका एव केचन' (प्रज्ञाटी प ३१ ) ।
 
-
 
आमलय – १ नूपुर रखने की पेटी । २ सज्जागृह (दे ११६७) ।
आमलिता पूपिका ( ? ) (आचू पृ ३४२) ।
 
आमली- छोटे आंवलों का वृक्ष (अंवि पृ ७०) ।
 
· आमिल – समस्त प्रकार के रोम, केश - 'आमिलं सव्वरोमजाति'
(दनि १५८, अचू पृ १४१ ) ।
 
आमेल – केशों का एक प्रकार का जूडा, बालों को बांधने की एक पद्धति
(दे १।६२) ।
 
·आमेलअ-आमोडक, बालों को बांधने का पुष्प- निर्मित बंध - विशेष
( उशाटीप १४३ ) ।
 
आमेलिअ—आपीड, पुष्पमाला ( से ६ । २१) ।
 
आमोअ - हर्ष ( दे १॥६४) ।
 
-
 
आमोड– केशों का एक प्रकार का जूडा, बालों को बांधने की एक पद्धति
 
(दे ११६२) ।
 
आमोरअ - विशेषज्ञ, दक्ष ( दे ११६६ ) ॥
आमोसल — गोत्र - विशेष ( अंवि पृ १५० ) ।
 
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