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श्रीकृष्णाक्षरमालिका
 
कमलावल्लभ कमलविलोचन कमलविभाहरपाद हरे ।
कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण हरे ॥ १८ ॥
 
खरमुखदानवसैनिकखण्डन खेचरकीर्तित कीर्तिहरे ।
कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण हरे ॥ १९ ॥
 
गणपतिसेवित गुणगणसागर वरगतिनिर्जित नागहरे ।
कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण हरे ॥ २० ॥
 
घटिकापर्वतवासि नृकेसरि वेषविनाशितदोषहरे ।
कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण हरे ॥ २१ ॥
 
ङः प्रत्येकं न यथा वाक्ये नाथ तथा ते चित्ते क्रोधः ।
कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण हरे ॥ २२ ॥
 
चपलाभासुरमेघनिभप्रभ कमलाभासुरवक्ष हरे ।
कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण हरे ॥ २३ ॥
 
छलयुतदूरचलाचललोचन गोपवधूहृदयेश हरे ।
 
कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण हरे ॥ २४ ॥
 
जगतीवल्लभरूपपरात्पर सर्वजगज्जनपूज्य हरे ।
 
कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण हरे ॥ २५ ॥
 
झङ्कारध्वनिकारिमधुवृतमञ्जुलकेशकलाप हरे ।
 
कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण जनार्दन कृष्ण हरे ॥ २६ ॥
 
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