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श्रीतारकरामनामस्तुतिः
 
दशरथनन्दन दशरथनन्दन दशरथनन्दन दाशरथे ।
दशरथनन्दन दशरथनन्दन दशरथनन्दन दाशरथे ॥ १॥
 
निर्गुण निष्कल नित्यनिरञ्जन निर्गतमत्सर गम्यविभो ।
दशरथनन्दन दशरथनन्दन दशरथनन्दन दाशरथे ॥ २ ॥
 
संसारेऽस्मिन् निर्गतसारे पाहि विपारे दशवदनारे ।
दशरथनन्दन दशरथनन्दन दशरथनन्दन दाशरथे ॥ ३ ॥
 
सर्वसमत्वं सर्वहितत्वं सत्सङ्गत्वं देहि विभो मे ।
दशरथनन्दन दशरथनन्दन दशरथनन्दन दाशरथे ॥ ४ ॥
 
जननक्लेशं मरणक्लेशं नाशय गमनागमनवकेशम् ।
दशरथनन्दन दशरथनन्दन दशरथनन्दन दाशरथे ॥ ५॥
 
को मे पुत्रः का मे जाया माया सेयं पाहि विभो माम् ।
दशरथनन्दन दशरथनन्दन दशरथनन्दन दाशरथे ॥ ६॥
 
सनकसनन्दनसंस्तुतचरितं जानीते त्वां गोगुणरहितम् ।
दशरथनन्दन दशरथनन्दन दशरथनन्दन दाशरथे ॥ ७ ॥
 
नास्ति वपुस्ते नास्ति तवाख्या नास्ति च कर्म स्वस्तिद विष्णो ।
दशरथनन्दन दशरथनन्दन दशरथनन्दन दाशरथे ॥ ८ ॥