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राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला
राजस्थान राज्य द्वारा प्रकाशित
सामान्यत: अखिलभारतीय तथा विशेषतः राजस्थानदेशीय पुरातनकालीन
संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, हिन्दी, राजस्थानी श्रादि भाषानिबद्ध
विविधवाङ्मयप्रकाशिनी विशिष्ट-ग्रन्थावली
प्रधान सम्पादक
फतहसिंह, एम.ए., डी.लिट्.
निदेशक, राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर
ग्रन्थाङ्क ६४
महाकवि - बाणभट्ट - विरचितं
-
चण्डीशतकम्
मेदपाटेश्वर-महाराणा- कुम्भकर्णप्रणीतया प्रज्ञातकर्तृ कृतया टीकया च संवलितम्
T
वि० सं० २०२५
प्रकाशक
राजस्थान राज्याज्ञानुसार
निदेशक, राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान
जोधपुर (राजस्थान)
१९६८ ६०
भारतराष्ट्रीय शकाब्द १८५६०
CC-0. RORI. Digitized by Sri Muthulakshmi Research Academy
******
राजस्थान राज्य द्वारा प्रकाशित
सामान्यत: अखिलभारतीय तथा विशेषतः राजस्थानदेशीय पुरातनकालीन
संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, हिन्दी, राजस्थानी श्रादि भाषानिबद्ध
विविधवाङ्मयप्रकाशिनी विशिष्ट-ग्रन्थावली
प्रधान सम्पादक
फतहसिंह, एम.ए., डी.लिट्.
निदेशक, राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर
ग्रन्थाङ्क ६४
महाकवि - बाणभट्ट - विरचितं
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चण्डीशतकम्
मेदपाटेश्वर-महाराणा- कुम्भकर्णप्रणीतया प्रज्ञातकर्तृ कृतया टीकया च संवलितम्
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वि० सं० २०२५
प्रकाशक
राजस्थान राज्याज्ञानुसार
निदेशक, राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान
जोधपुर (राजस्थान)
१९६८ ६०
भारतराष्ट्रीय शकाब्द १८५६०
CC-0. RORI. Digitized by Sri Muthulakshmi Research Academy
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