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• सिंहासनां देशान्तरे शारदेति सरस्वती कथ्यते । एवम्भूतां तां भवानीं भवस्य
 
पत्नीं नुमः स्तुमः ।
 
भल्लटशतकम्
 
हिन्दी अनुवाद - (दुर्गापक्ष) संसार से प्राप्त होने वाले ( अनेक रोगशोका दि)
• सन्तापों को नष्ट करने में समर्थ तथा शरत्कालीन मेघ के समान श्वेत सिंह के
आसन पर विराजमान उन (लोकप्रसिद्ध तथा लौकिक तेजस्विनी) शिवपत्नी
 
शारदा (दुर्गा या पार्वती) देवी को हम नमस्कार करते हैं ।
 
करने में चतुर और शरत्कालीन मेघ के समान श्वेत सिंहासन (स्वर्णमय या
(सरस्वतीपक्ष) संसार से प्राप्त होने वाले (अविद्याजन्य) कष्टों का विनाश
रजतमय श्रेष्ठ राजासन) पर ठित सरस्वती देवी को हम नमस्कार करते हैं ।
 
अर्थ
 
• दुर्गा तथा शारदा पद का अर्थ सरस्वती है। भवानीं शारदां का अर्थ शिवपत्नी
टिप्पणी- मङ्गलाचरण के इस प्रथम श्लोक में प्रयुक्त भवानी पद का अर्थ
दुर्गा (पार्वती) देवी हो जायेगा । यदि भवानीं च शारदां च इस रूप में पृथक्
पृथक् पद माने जायें तो दुर्गादेवी और सरस्वती देवी यह पृथक् पृथक्
होंगे । ग्रन्थ के प्रारम्भ में प्रारम्भ किये गये कार्य की निर्विघ्न समाप्ति के लिए
इष्टदेवता या समुचितेष्टदेवता का स्मरण करने की प्राचीन परिपाटी है। महा
कवि भल्लट तथा इस ग्रन्थ के टीकाकार महेश्वर इन दोनों ने इस परम्परा
का अनुसरण करते हुए दुर्गा और सरस्वती देवी की वन्दना की है। दुर्गाप
निर्माण के समय कवियों द्वारा स्मरणीय काव्यविद्या की उपयुक्त अधिष्ठात्री
में इष्टदेवता दुर्गादेवी हैं तथा सरस्वतीपक्ष में सरस्वती समुचितेष्टदेवता (काव्य-
देवी) हैं ।
 
यहाँ रति नामक स्थायिभाव के साथ तत्सम्बद्ध विभावानुभावसञ्चारिभावों
का संयोग हुआ है अतः यहाँ भावध्वनि है । भाव का लक्षण इस प्रकार है-
रतिर्देवादिविषया व्यभिचारी तथाञ्जितः ।
 
भावः प्रोक्तः
 
॥ का०प्र० ३५ ।
 
भक्ति को स्वतन्त्र रस मानने वाले आचार्यों के मतानुसार यहाँ पर
एक सार्थक तथा एक निरर्थक पद की श्रावृत्ति होने से यमकालङ्कार
भक्तिरस है । भवानीं भवानीत तथा विशारदां शारदां इन दोनों स्थलों पर
शारदाम्भोदसितसिंहासनाम् में समासगा वाचकलुप्ता उपमा है ।
 

 
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as well as to Sarasvati Devi-the goddess of learning-who are
Our salutations to Lord Siva's consort Sarada Durga Devi
capable of destroying calamities originating from the world
and who are seated on a lion-thronized yie@angetroud in winter.
 
CC-0 Shashi Shekhar Toshkhani Collection.