2025-12-29 10:00:56 by ambuda-bot
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अक्षान्विमुञ्च
अद्याभिमन्यु
अद्यैव दास्यामि
अपि प्रविष्टं
अलं वो व्यव
अवसितमवगच्छ
I. 5
दूतघटोत्कचम्
श्लोकानुक्रमणिका ।
I. 45 पृथिव्यां शासनं
प्रतिज्ञासार
४७५
I. 40
I. 28
I. 10
प्रयामि सौभद्र
I. 33
I. 31
बहुनां समुपेतानां
I. 17
I. 49
बालेनेकेन
I. 21
I. 43
भर्तुस्ते नूनं
I. 7
एका कुलेsस्मिन्
I. 16
भूमिकंपः
I. 25
कामं न तस्य
किं व्यर्थ बह
I. 14
मुक्ता येन यदा
I. 41
I.
51
कृष्णस्याष्टभुजी
I.
8
यदि स्यात् वाक्य
यातोऽभिमन्यु
I.44
I. 11
केनाभिमन्यु
I.
6
यान्त्यर्जुन
I.
2
केनैतत्
I. 4
येन मे निहतः
I.
29
क्रूरमेवं नरपतिम्
1. 32
क्षिपमि वदसि
I. 46
यौधस्यन्दन
राजा वा यदि
I.
3
I. 42
चितां न तावत्
I. 9
रुद्वाः पाण्डु
I.
12
I. 13
वृद्धं भीष्मम्
I.
18
तस्यैव व्यवसाय
I. 27
वृद्धोऽप्यनातत
I.
35
त्वया हि यत्
I. 24
शक्रं पृच्छ पुरा
I. 22
दष्टष्ठो मुष्टिं
I. 50
शक्रापनीत
I. 23
दूतः खलु भवान्
I.
48
सक्रोधव्यव
I. 37
देवैर्मन्त्रयते
I. 38
सर्वेषां नः पश्यताम्
I. 20
द्रोणोपदेशेन
I.
30 सुव्यक्तं निहतम्
I. 26
धर्मं समाचर
नतु जतुगृहे
न ते प्रियं
I. 52
सौभद्रे निहते
I. 15
I. 47
स्वच्छन्द मृत्यु
I. 19
I. 36
हससि त्वमहं
I. 39
नारायणस्त्रिभुवने
I.
1
I. 34
१७
अद्याभिमन्यु
अद्यैव दास्यामि
अपि प्रविष्टं
अलं वो व्यव
अवसितमवगच्छ
I. 5
दूतघटोत्कचम्
श्लोकानुक्रमणिका ।
I. 45 पृथिव्यां शासनं
प्रतिज्ञासार
४७५
I. 40
I. 28
I. 10
प्रयामि सौभद्र
I. 33
I. 31
बहुनां समुपेतानां
I. 17
I. 49
बालेनेकेन
I. 21
I. 43
भर्तुस्ते नूनं
I. 7
एका कुलेsस्मिन्
I. 16
भूमिकंपः
I. 25
कामं न तस्य
किं व्यर्थ बह
I. 14
मुक्ता येन यदा
I. 41
I.
51
कृष्णस्याष्टभुजी
I.
8
यदि स्यात् वाक्य
यातोऽभिमन्यु
I.44
I. 11
केनाभिमन्यु
I.
6
यान्त्यर्जुन
I.
2
केनैतत्
I. 4
येन मे निहतः
I.
29
क्रूरमेवं नरपतिम्
1. 32
क्षिपमि वदसि
I. 46
यौधस्यन्दन
राजा वा यदि
I.
3
I. 42
चितां न तावत्
I. 9
रुद्वाः पाण्डु
I.
12
I. 13
वृद्धं भीष्मम्
I.
18
तस्यैव व्यवसाय
I. 27
वृद्धोऽप्यनातत
I.
35
त्वया हि यत्
I. 24
शक्रं पृच्छ पुरा
I. 22
दष्टष्ठो मुष्टिं
I. 50
शक्रापनीत
I. 23
दूतः खलु भवान्
I.
48
सक्रोधव्यव
I. 37
देवैर्मन्त्रयते
I. 38
सर्वेषां नः पश्यताम्
I. 20
द्रोणोपदेशेन
I.
30 सुव्यक्तं निहतम्
I. 26
धर्मं समाचर
नतु जतुगृहे
न ते प्रियं
I. 52
सौभद्रे निहते
I. 15
I. 47
स्वच्छन्द मृत्यु
I. 19
I. 36
हससि त्वमहं
I. 39
नारायणस्त्रिभुवने
I.
1
I. 34
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