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श्लोकानुक्रमणिका ।
 
अनुग्रहात्तु
 
I. 51
 
पुत्रनक्षत्र
 
I.
 
अस्माकं भ्रष्ट
 
I.
 
49
 
ब्राह्मणः श्रुत
 
I.
 
13
 
अस्यामाचम्य
 
I.
 
31
 
भोशब्दोच्चा
 
I.
 
अज्ञानात्तु
 
I.
 
50
 
भ्रातॄणां मम
 
I.
 
आक्रम्य राक्षस
 
I.
 
48
 
भ्रान्तः सुत
 
I.
 
आपदं हि पिता
 
I.
 
19
 
मध्यमः पञ्च
 
इदं हि शून्यं
 
I.
 
10
 
मध्यमस्त्विति
 
I. 29
I. 30
 
कलभदशन
 
I.
 
6
 
मध्यमोsहं
 
I.
 
काञ्चनस्तम्भ
 
I.
 
42
 
मम प्राणगुरु
 
I.
 
16
 
किं यासि मद्
 
I.
 
8
 
माता किल मनुष्याणां
 
I.
 
कृतकृत्यं शरीरं
 
I.
 
15
 
मायापाशेन
 
1. 47
 
कौरव्यकुल
 
I.
 
38
 
मुच्यतामिति
 
I.
 
खगशतविरुते
 
I.
 
25
 
यथानदीनां
 
I.
 
ग्रहयुगल
 
I.
 
5
 
यद्यर्थितो द्विज
 
I.
 
जानामि सर्वत्र
 
I.
 
9
 
यस्त्रि
 
I.
 
ज्येष्ठः श्रेष्टः कुले
 
I.
 
17
 
युद्धप्रियाश्च
 
I.
 
ज्येष्ठो भ्राता
 
I.
 
18
 
रूपं सच्वं
 
I.
 
तरुण तरुणता
 
I.
 
24
 
वज्रपातो
 
I.
 
तरुण रविकर
 
I.
 
4
 
विनिमाय गुरु
 
I.
 
व्यक्ताः प्रागेव
 
I.
 
40
 
धन्योऽस्मि यद
 
I.
 
नन्वहं भीम
 
I.
 
45
 
निवृत्तव्यवहारो
 
I.
 
पन्या चारित्र
 
I.
 
परिष्वजस्य गाढं
 
I.
 
पायात्स वोsसुर
 
I.
 
424122-
 
विश्वकर्ता शिवः
 
I.
 
20
 
व्रजसि कथामेह
 
I.
 
शपामि सत्येन
 
I.
 
34
 
शैलकूटं
 
I.
 
सजलजलद
 
I.
 
सिंहाकृति: कनक
 
I.
 
सिंहास्यः सिंह
 
I.
 
3325323262235±2=8727777222
 
51
 
14
 
11
 
39
 
21
 
43
 
46
 
41
 
44
 
१९