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आचार्यदण्डिावरचिता
 
राणि (?) । सोऽपि न केवलमाकृत्या सद्यः प्राणपांतनक्षमया कामाबस्थयापि
 
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काफ़्लेमनुचकार । त...
 
गाश्वेतापिपरा
 
रतमपारयन्ती तिरयितुं हृदय
 
9
 
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14/
 
5.
6.
 
जालनिव चलं चाङ्ग मन्दं मदलेखया सह जगाम । गत्वा चकि
 
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त्यस्सन्दिश्य गुल्मान्तरितायामेव तस्यां दुर्व्यवसायिने हृदया.... नितम्बा
 
तु नाङ्गभङ्गं लेगे। दुर्निमित्तनिवर्तितेक्षणा पुरस्ता
 
कैतं दृष्ट्वा तथा-
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1, 2, 3, 4. The four lacuna
cover about 32 letters •
 
52
 
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भमागविलास प्रत्युद्वतं तत्र
 
8
 
तिथिवा ह कादम्बर्या सकलमव कस्या
 
रमुग्धमृगी। कुलमिव
 
त्रासोभ्रान्तदृष्टि तमेव गिरितटवनमभ्यधावदाक्रोशन्त रुदित विश्रमेवैनां चैत्ररथी
सशपथैः साञ्जलिभिरनुनयवचन सहस्रैरात्मत्यागहेतुं शशाक शंसयिमेवं
 
चाब्रवीत् ॥
 
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9.
 
10.
 

 
॥ हरिः ॥
 
इत्याचार्य दण्डिना कृता अवन्तिसुन्दरी समाप्ता ।
॥ श्रीराम श्रीराम राम जय श्रीराम राम जय श्रीराम राम जय ॥
 
ज्यमा
 
....
 
11
 
7. L. about 48 letters.
 
8.
 
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2
 
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