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आचार्यदण्डचिरचित
 
तिमित्यसम्पूर्ण
 
रसायनामित मिति कामगारोपणं मृतसञ्जीवनायितमिति न
 
9
 
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मादि सामती भूमिं नाकारोहणा (म! बि)समिति (न!) कि (चि) देतत् मोक्षसु

......[^1]
ज्यमारलामायित मिति तृणीकरणं मोक्षलक्ष्मीप्रत्यक्षदर्शनायितमिति सुतरा-
1
 
2
 

मपक्षेपप्रकारो, महोत्सवायितमिति महद्वषनीयम् इन्दुमण्डलाप.....[^2]मानन्द-

मनुभूतपूर्वमद्भुततमं बभूव ।
 

 
देवी पुनराशाङ्क (स) स्वभागधेयतवान्तद पिताकृत माश्चर्यरूपमश्रद्धती बल-

......[^
3
 
]शनाद च ददर्श च जहर्ष च विसिमियेऽपिच विलापि(?) ।
 

पर्युत्सुकैश्च मन्त्रिभिधैर्यषारितहर्षवेगैः यथा.....[^4] साञ्चके प्रचकमे च
 

वक्तुम् । एवंगतस्यापि मे नातिमुषितया शे (ष ? ) मुप्या पुष्पपुरनिर्गमादि-
5
 
...
 

कुमारोबम्तदुस्खा .......[^5]व्यतिकरं सारेणेव पुनरनेन क्षतेषु दग्धस्यादिग्ध-
6
 

शरज (टॉड जेवितस्येव केसरिणो य.......[^6]मिव पारावार कुक्षिमिवायसाण्डकपाल-
)
 
....
 

सम्पुटनिवौर्व (व ?) वह्निघूमलसम्मारकोशमिव निज
 
......[^7]रकरोद्भगवान् भक्त-
वत्सलो भैरवाकृतिरामर्दकः । स तु प्र ( मा ? ) णं तुमध्यपारयन्तमस्वातन्त्र्या-

द.......[^8] ष्टोऽस्मि तवामुना
 
मत्प्रभावामिभाविना सत्त्वावष्टम्भेन । कस्व-

बन्यस्तम मिनिमाचर्य कृपण......[^9] विधिविशारदेन शुरेण शमितस्त्वमसि ।
 

तु (तातो विद्विषस्ते प्रथमदत्तं वरमवितथी कुर्वता मया यस्पुन....[^
10] नुम (इ) रूपमेव
 
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