अवन्तिसुन्दरीकथा /155
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परिशोषपीय मानक्षान्ति.....[^1] सविच्छिन्नदुरुपलवा च वाचा (क्षक) मे. पुत्रकः
क मे पुत्रक इत्यावेगविवर्तमाना विह्वलं विलपमाना (?) बहुळखेदोद्भिद्य .....[^2]
घावदकृतार्थलोचना (उ ? त) तक लविलीमवत्परिजना क्रन्दसूचितसुतापहारा
हृतवत्से (व) गृष्टिः हा कष्टपरम्परा.....[^3] तनिर्झरप्रतिविसर्गाय (बा ? मा)णबाप्पमुक्ति
मुक्तकण्ठं विररास । तस्याञ्च कलायामुपदत्तमस्तकाभिघातक्षरत्क्षतजाभ्युस्थिते-
क्षणान्धविकल ......[^4] निविष्टकृष्टतीक्ष्णकौक्षेयकक्षेपक्षरितकुसिद्रव्यसर्वस्व.....[^5] भीषण -
भ्रूलतापतन प्रधाव मानभ्रान्तभृङ्गारधारिणीकनिर्दयकरण.....[^6] मुहून्धनरज्जु-
रचनसरूपं दिक्षु ज्वरजलजत स्रुतौ मज ....[^7] मनी कमजय्यदुःखानिलनिश्चय
च्छत्रधारिकापृच्छयमानाच्छनिझरिणी .....[^8]ण प्रहरणाचकितचामरग्राहिणी-
समन्विष्यमाणदावप्रदेशमंशुकपटपर्यन्तो पधानविहतवेपनर सनोन्मूलनरमसकर निरु-
द्ध......[^9]कलो(?) क्रन्द्यमान बन्धुनामधेयमुपलभ्यमान नानादैवतमनुवर्ण्यमान-
दारकाकारमुपक्षिप्यमाणर।जविक्रम......[^10]वर्गमुघुप्यमाणाथर्व मन्त्रवैफल्यमा-
कुश्यमानदैवतचरितमपाबिध्यमान सकलगात्र मुक्षिष्यमाणभुजल......[^11] धरणिपृष्ठ-
मुन्मत्तराष्ट्रमिव क्षणमन भिरामक्षोभमरण्याभोगमण्डलं तदभवत् ।
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[^1]. L about 20 letters. [^7]. L. about 2 letters.
[^2]. ,, 20 ,, [^8]. ,, 17 ,,
[^3]. ,, 20 ,, [^9]. ,, 18 ,,
[^4]. ,, 20 ,, [^10]. ,, 17 ,,
[^5]. ,, 2 ,, [^11]. ,, 16 ,,
[^6]. ,, 16 ,,
क मे पुत्रक इत्यावेगविवर्तमाना विह्वलं विलपमाना (?) बहुळखेदोद्भिद्य .....[^2]
घावदकृतार्थलोचना (उ ? त) तक लविलीमवत्परिजना क्रन्दसूचितसुतापहारा
हृतवत्से (व) गृष्टिः हा कष्टपरम्परा.....[^3] तनिर्झरप्रतिविसर्गाय (बा ? मा)णबाप्पमुक्ति
मुक्तकण्ठं विररास । तस्याञ्च कलायामुपदत्तमस्तकाभिघातक्षरत्क्षतजाभ्युस्थिते-
क्षणान्धविकल ......[^4] निविष्टकृष्टतीक्ष्णकौक्षेयकक्षेपक्षरितकुसिद्रव्यसर्वस्व.....[^5] भीषण -
भ्रूलतापतन प्रधाव मानभ्रान्तभृङ्गारधारिणीकनिर्दयकरण.....[^6] मुहून्धनरज्जु-
रचनसरूपं दिक्षु ज्वरजलजत स्रुतौ मज ....[^7] मनी कमजय्यदुःखानिलनिश्चय
च्छत्रधारिकापृच्छयमानाच्छनिझरिणी .....[^8]ण प्रहरणाचकितचामरग्राहिणी-
समन्विष्यमाणदावप्रदेशमंशुकपटपर्यन्तो पधानविहतवेपनर सनोन्मूलनरमसकर निरु-
द्ध......[^9]कलो(?) क्रन्द्यमान बन्धुनामधेयमुपलभ्यमान नानादैवतमनुवर्ण्यमान-
दारकाकारमुपक्षिप्यमाणर।जविक्रम......[^10]वर्गमुघुप्यमाणाथर्व मन्त्रवैफल्यमा-
कुश्यमानदैवतचरितमपाबिध्यमान सकलगात्र मुक्षिष्यमाणभुजल......[^11] धरणिपृष्ठ-
मुन्मत्तराष्ट्रमिव क्षणमन भिरामक्षोभमरण्याभोगमण्डलं तदभवत् ।
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[^1]. L about 20 letters. [^7]. L. about 2 letters.
[^2]. ,, 20 ,, [^8]. ,, 17 ,,
[^3]. ,, 20 ,, [^9]. ,, 18 ,,
[^4]. ,, 20 ,, [^10]. ,, 17 ,,
[^5]. ,, 2 ,, [^11]. ,, 16 ,,
[^6]. ,, 16 ,,