अवन्तिसुन्दरीकथा /121
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मूलपूरिका(क?)कण्टालिकापटोलत्व जि? ग्भिः) निम्बबिल्वरणपूति (का? क)र्णमूल सप्त-
पर्णत्व (जि : ग्भि) र्वरणत्थगरळनक्तमा (लाः ? ल) कोष्टवलशलकै (?) र्निम्बैरण्डपतिकै:
लक्ष्ण चूर्णितैश्वाश्वगन्धाविगन्ध (ग? क) टुमत्स्य कैलेवण मिश्रनिरूहणैश्च कटुतुम्बि
लोणिका इन्त्यक्षिपीलन्न (!)र्न कमालार्क कन्द जातरू (षप) कमदनफलैः पञ्चलवण-
समांशैर्दतिरम्यप्रतिनुभुण्डी (?) वृहतिकाफलैश्च क्षुण्णैः पिप्पलीभृमिवरहरिद्रावचा -
हिङ्गुमिश्च लवणैः पूतिकपिचुमन्द शिग्रुदीर्घवृन्तकैर्लोणिकालव (ल ? ली) दन्त्यर्क-
तरुणकेश्च पिण्डमोदकैः शोषितेषु कायेषु पुनः संवर्तनय कत्र लैजेम्बनिचुलारग्वथत्व-
ग्भिर्जम्बूकिसलयैश्च समूळलामाब्दकैः (१) कृतसंवर्तने ततो बृंहणीयकबलैः काकोली-
क्षीरकाकोलीजीवकर्ष(विका? भक) शृद्भिविदारिकै रण्डकण्ट कारिकामधुशि (प्राः श्रु)
समूलसहासहदेवा कच्छुरिमूलसारिबागलोची मधुकशशबिन्दुकोपैजयन्ती शुक्रनसाका-
कजङ्गीचित्रकक्षीरकाशुभ्रगन्धान्धक बन्धुजीवककशोरुकविसमृणातिक्षपं(?) चित्र-
कबलहुलानि धान्ययसानीत्येभिः (?) क्षीणोपघातकः क्रमप्रवेचिते प्रायां च
शोभावं चतुर्थ्यां व्याप्त्या (?) रमणीयकबलैश्च दंष्ट्राश्वेत दुप्पवर्षाभूतण्डुलीयकापिण्डा-
ल(लक ? लंका) मधुकमार्कबका कमा चीप्रपची वलगलोचीसप्त(?) माषपर्णीमुद्द्रपर्णी
(भु ? मु)ला .... [^1
(भु ? मु)ला ....
पस्थिते मदे प्रापणीपकचलना स्फोतोत्तमकर्णिकागिरि कर्णमुखावल्लीपमूलपल्लवो (१)
मधु ....[^2
मधु
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....[^3]ततृणशूल्यलाङ्गलकीकिर(सी(?) कन्दमर्कावर्षानिप्पाचवा.... [^4]मामलकं गूंकदम्ब-
मोरुपाटलीपापर्या(?) मूळ मित्येतानन्यांश्च दत्त्वा....[^5]र्णपुष्पिक
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[^1]. Space for 4 letters left blank
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[^3]. L about 14 letters.
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