2023-03-01 08:51:25 by Jayashree
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नमो नमः सहस्रांशो आदित्याय नमो नमः ॥ १७
नमो नमः सहस्रांशो आदित्याय नमो नमः ॥ १७ ॥
नमः उग्राय वीराय सारङ्गाय नमो नमः ।
नमः पद्मप्रबोधाय मार्तण्डाय नमो नमः ॥ १८ ॥
जय, जयभद्र और हर्यश्वको नमस्कार । हे सहस्रांशो नमो नमः ।
आदित्य को मेरा नमस्कार है। उग्र वीरको,
प्रबोध और मार्तण्ड
ब्रह्
भास्वते सर्वभक्षाय रौद्राय वपुषे नमः ॥ १६ ॥
ब्रह्मा इशान और अच्युतके ईश, सूर्य, आदित्यवर्चस,
भगवान्, सर्वभक्ष और, रौद्र शरीरको नमस्कार ॥ १९ ॥
तमोघ्नाय हिमघ्नाय शत्रुघ्नायामितात्मने ।
कृतघ्न
तम, हिम और शत्रुके नाश करनेवाले अमितात्मा
कृतघ्नको मारनेवाले देव और ज्योतियोंके पतिको नमस्कार ॥२७॥
तप्तचामीकराभाय वह्नये विश्वकर्मणे ।
नमस्तमोऽभिनिघ्नाय रवये लोकसाक्षिणे ॥ २१ ॥
तपे हुए सोने के समान शोभावाले, वहन करनेवाले, विश्वकर्मा,
समका
तमको नाश करनेवाले, लोकके साक्षी रविको नमस्कार ॥ २१ ॥
नाशयत्येष वै भूतं तदेव सृजति
पायय
।
यही उपन्न
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