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भीष्म उवाच ।प्राप्य श्वेतं महाद्वीपं नारदो भगवानृषिः ।ददर्श तानेव नराञ्श्वेतांश्चन्द्रप्रभाञ्शुभान् ॥ १ ॥
पूजयामास शिरसा मनसा तैश्च पूजितः ।दिदृक्षुर्जप्यपरमः सर्वकृच्छ्रधरः स्थितः ॥ २ ॥
भूत्वैकाग्रमना विप्र ऊर्ध्वबाहुर्महामुनिः ।स्तोत्रं जगौ स विश्वाय निर्गुणाय महात्मने ॥ ३ ॥
नारद उवाच ।नमस्ते देवदेव [1] निष्क्रिय [2] निर्गुण [3] लोकसाक्षिन् [4] क्षेत्रज्ञ [5] अनन्त [6=116] पुरुष [7] महापुरुष [8] त्रिगुण [9] प्रधान [10] ।अमृत [11] व्योम [12] सनातन [13] सदसद्व्यक्ताव्यक्त [14] ऋतधामन् [15] पूर्वादिदेव [16] वसुप्रद [17] प्रजापते [18] सुप्रजापते [19] वनस्पते [20] ।महाप्रजापते [21] ऊर्जस्पते [22] वाचस्पते [23] मनस्पते [24] जगत्पते [25] दिवस्पते [26] मरुत्पते [27] सलिलपते [28] पृथिवीपते [29] दिक्पते [30] ।पूर्वनिवास [31] ब्रह्मपुरोहित [32] ब्रह्मकायिक [33] महाकायिक [34] महाराजिक [35] चतुर्महाराजिक [36] आभासुर [37] महाभासुर [38] सप्तमहाभासुर [39] याम्य [40] ।महायाम्य [41] संज्ञासंज्ञ [42] तुषित [43] महातुषित [44] प्रतर्दन [45] परिनिर्मित [46] वशवर्तिन् [47] अपरिनिर्मित [48] यज्ञ [49] महायज्ञ [50] ।यज्ञसंभव [51] यज्ञयोने [52] यज्ञगर्भ [53] यज्ञहृदय [54] यज्ञस्तुत [55] यज्ञभागहर [56] पञ्चयज्ञधर [57] पञ्चकालकर्तृगते [58] पञ्चरात्रिक [59] वैकुण्ठ [60] ।अपराजित [61] मानसिक [62] परमस्वामिन् [63] सुस्नात [64] हंस [65] परमहंस [66] परमयाज्ञिक [67] सांख्ययोग [68] अमृतेशय [69] हिरण्येशय [70] ।वेदेशय [71] कुशेशय [72] ब्रह्मेशय [73] पद्मेशय [74] विश्वेश्वर [75] त्वं जगदन्वयः [76] त्वं जगत्प्रकृतिः [77] तवाग्निरास्यम् [78] वडवामुखोऽग्निः [79] त्वमाहुतिः [80] ।त्वं सारथिः [81] त्वं वषट्कारः [82] त्वमोंकारः [83] त्वं मनः [84] त्वं चन्द्रमाः [85] त्वं चक्षुराद्यम् [86] त्वं सूर्यः [87] त्वं दिशां गजः [88] दिग्भानो [89] हयशिरः [90] ।प्रथमत्रिसौपर्ण [91] पञ्चाग्ने [92] त्रिणाचिकेत [93] षडङ्गविधान [94] प्राग्ज्योतिष [95] ज्येष्ठसामग [96] सामिकव्रतधर [97] अथर्वशिरः [98] पञ्चमहाकल्प [99] फेनपाचार्य [100] ।वालखिल्य [101] वैखानस [102] अभग्नयोग [103] अभग्नपरिसंख्यान [104] युगादे [105] युगमध्य [106] युगनिधन [107] आखण्डल [108] प्राचीनगर्भ [109] कौशिक [110] ।पुरुष्टुत [111] पुरुहूत [112] विश्वरूप [113] अनन्तगते [114] अनन्तभोग [115] अनन्त [116=6] अनादे [117] अमध्य [118] अव्यक्तमध्य [119] अव्यक्तनिधन [120] ।व्रतावास [121] समुद्राधिवास [122] यशोवास [123] तपोवास [124] लक्ष्म्यावास [125] विद्यावास [126] कीर्त्यावास [127] श्रीवास [128] सर्वावास [129] वासुदेव [130] ।सर्वच्छन्दक [131] हरिहय [132] हरिमेध [133] महायज्ञभागहर [134] वरप्रद [135=157] यमनियममहानियमकृच्छ्रातिकृच्छ्रमहाकृच्छ्रसर्वकृच्छ्रनियमधर [136] निवृत्तधर्मप्रवचनगते [137] प्रवृत्तवेदक्रिय [138] अज [139] सर्वगते [140] ।सर्वदर्शिन् [141] अग्राह्य [142] अचल [143] महाविभूते [144] माहात्म्यशरीर [145] पवित्र [146] महापवित्र [147] हिरण्मय [148] बृहत् [149] अप्रतर्क्य [150] ।अविज्ञेय [151] ब्रह्माग्र्य [152] प्रजासर्गकर [153] प्रजानिधनकर [154] महामायाधर [155] चित्रशिखण्डिन् [156] वरप्रद [157=135] पुरोडाशभागहर [158] गताध्वन् [159] छिन्नतृष्ण [160] ।छिन्नसंशय [161] सर्वतोनिवृत्त [162] ब्राह्मणरूप [163] ब्राह्मणप्रिय [164] विश्वमूर्ते [165] महामूर्ते [166] बान्धव [167] भक्तवत्सल [168] ब्रह्मण्यदेव [169] भक्तोऽहं त्वां दिदृक्षुः [170] एकान्तदर्शनाय नमो नमः [171] ॥ ४ ॥
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