कुमारसम्भवम् — 8.38
Original
Segmented
आविशद्भिः उटज-अङ्गणम् मृगैः मूल-सेक-सरसैः च वृक्षकैः आश्रमाः प्रविशत्-अग्नि-धेनवः बिभ्रति श्रियम् उदीरय्-अग्नयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आविशद्भिः | आविश् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
उटज | उटज | pos=n,comp=y |
अङ्गणम् | अङ्गण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मृगैः | मृग | pos=n,g=m,c=3,n=p |
मूल | मूल | pos=n,comp=y |
सेक | सेक | pos=n,comp=y |
सरसैः | सरस | pos=a,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
वृक्षकैः | वृक्षक | pos=n,g=m,c=3,n=p |
आश्रमाः | आश्रम | pos=n,g=m,c=1,n=p |
प्रविशत् | प्रविश् | pos=va,comp=y,f=part |
अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
धेनवः | धेनु | pos=n,g=f,c=1,n=p |
बिभ्रति | भृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
श्रियम् | श्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |
उदीरय् | उदीरय् | pos=va,comp=y,f=part |
अग्नयः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=p |