कुमारसम्भवम् — 8.15
Original
Segmented
भाव-सूचितम् अदृष्ट-विप्रियम् चाटुमत् क्षण-वियोग-कातरम् कैश्चिद् एव दिवसैस् तदा तयोः प्रेम रूढम् इतरेतर-आश्रयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भाव | भाव | pos=n,comp=y |
सूचितम् | सूचय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
अदृष्ट | अदृष्ट | pos=a,comp=y |
विप्रियम् | विप्रिय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
चाटुमत् | चाटुमत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
क्षण | क्षण | pos=n,comp=y |
वियोग | वियोग | pos=n,comp=y |
कातरम् | कातर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
कैश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
एव | एव | pos=i |
दिवसैस् | दिवस | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तदा | तदा | pos=i |
तयोः | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=d |
प्रेम | प्रेमन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
रूढम् | रुह् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
इतरेतर | इतरेतर | pos=n,comp=y |
आश्रयम् | आश्रय | pos=n,g=n,c=1,n=s |