Original

जालान्तरप्रेषितदृष्तिर् अन्या प्रस्थानभिन्नां न बबन्ध नीवीम् ।नाभिप्रविष्टाभरणप्रभेण हस्तेन तस्थाव् अवलम्ब्य वासः ॥

Segmented

जाल-अन्तर-प्रेषय्-दृष्टिः अन्या प्रस्थान-भिन्नाम् न बबन्ध नीवीम् नाभि-प्रविष्ट-आभरण-प्रभेन हस्तेन तस्थाव् अवलम्ब्य वासः

Analysis

Word Lemma Parse
जाल जाल pos=n,comp=y
अन्तर अन्तर pos=n,comp=y
प्रेषय् प्रेषय् pos=va,comp=y,f=part
दृष्टिः दृष्टि pos=n,g=f,c=1,n=s
अन्या अन्य pos=n,g=f,c=1,n=s
प्रस्थान प्रस्थान pos=n,comp=y
भिन्नाम् भिद् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
pos=i
बबन्ध बन्ध् pos=v,p=3,n=s,l=lit
नीवीम् नीवि pos=n,g=f,c=2,n=s
नाभि नाभि pos=n,comp=y
प्रविष्ट प्रविश् pos=va,comp=y,f=part
आभरण आभरण pos=n,comp=y
प्रभेन प्रभा pos=n,g=m,c=3,n=s
हस्तेन हस्त pos=n,g=m,c=3,n=s
तस्थाव् स्था pos=v,p=3,n=s,l=lit
अवलम्ब्य अवलम्बय् pos=vi
वासः वासस् pos=n,g=n,c=2,n=s