कुमारसम्भवम् — 7.34
Original
Segmented
यथाप्रदेशम् भुजग-ईश्वराणाम् करिष्यताम् आभरण-अन्तर-त्वम् शरीर-मात्रम् विकृतिम् प्रपेदे तथा एव तस्थुः फण-रत्न-शोभाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यथाप्रदेशम् | यथाप्रदेशम् | pos=i |
भुजग | भुजग | pos=n,comp=y |
ईश्वराणाम् | ईश्वर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
करिष्यताम् | कृ | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
आभरण | आभरण | pos=n,comp=y |
अन्तर | अन्तर | pos=a,comp=y |
त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
शरीर | शरीर | pos=n,comp=y |
मात्रम् | मात्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
विकृतिम् | विकृति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्रपेदे | प्रपद् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तथा | तथा | pos=i |
एव | एव | pos=i |
तस्थुः | स्था | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
फण | फण | pos=n,comp=y |
रत्न | रत्न | pos=n,comp=y |
शोभाः | शोभा | pos=n,g=f,c=1,n=p |