कुमारसम्भवम् — 7.12
Original
Segmented
तस्मात् प्रदेशाच् च वितानवन्तम् युक्तम् मणि-स्तम्भ-चतुष्टयेन पतिव्रताभिः परिगृह्य निन्ये क्ᄆप्त-आसनम् कौतुक-वेदि-मध्यम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्मात् | तद् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
प्रदेशाच् | प्रदेश | pos=n,g=m,c=5,n=s |
च | च | pos=i |
वितानवन्तम् | वितानवत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
युक्तम् | युज् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
मणि | मणि | pos=n,comp=y |
स्तम्भ | स्तम्भ | pos=n,comp=y |
चतुष्टयेन | चतुष्टय | pos=n,g=n,c=3,n=s |
पतिव्रताभिः | पतिव्रता | pos=n,g=f,c=3,n=p |
परिगृह्य | परिग्रह् | pos=vi |
निन्ये | नी | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
क्ᄆप्त | क्ᄆप् | pos=va,comp=y,f=part |
आसनम् | आसन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कौतुक | कौतुक | pos=n,comp=y |
वेदि | वेदि | pos=n,comp=y |
मध्यम् | मध्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |