कुमारसम्भवम् — 5.76
Original
Segmented
विपद्-प्रतीकार-परेण मङ्गलम् निषेव्यते भूति-समुत्सुकेन वा जगत्-शरण्यस्य निराशिषः सतः किम् आशा-उपहत-आत्म-वृत्ति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विपद् | विपद् | pos=n,comp=y |
प्रतीकार | प्रतीकार | pos=n,comp=y |
परेण | पर | pos=n,g=m,c=3,n=s |
मङ्गलम् | मङ्गल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
निषेव्यते | निषेव् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
भूति | भूति | pos=n,comp=y |
समुत्सुकेन | समुत्सुक | pos=a,g=m,c=3,n=s |
वा | वा | pos=i |
जगत् | जगन्त् | pos=n,comp=y |
शरण्यस्य | शरण्य | pos=a,g=m,c=6,n=s |
निराशिषः | अस् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
सतः | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
किम् | इदम् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
आशा | आशा | pos=n,comp=y |
उपहत | उपहन् | pos=va,comp=y,f=part |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
वृत्ति | वृत्ति | pos=n,g=m,c=3,n=p |