कुमारसम्भवम् — 5.65
Original
Segmented
अथ आह वर्णी विदितो महेश्वरस् तद्-अर्थिनी त्वम् पुनः एव वर्तसे अमङ्गल-अभ्यास-रति विचिन्त्य तम् ते अनुवृत्तिम् न च कर्तुम् उत्सहे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अथ | अथ | pos=i |
आह | अह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
वर्णी | वर्णिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विदितो | विद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
महेश्वरस् | महेश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तद् | तद् | pos=n,comp=y |
अर्थिनी | अर्थिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
वर्तसे | वृत् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
अमङ्गल | अमङ्गल | pos=n,comp=y |
अभ्यास | अभ्यास | pos=n,comp=y |
रति | रति | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विचिन्त्य | विचिन्तय् | pos=vi |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अनुवृत्तिम् | अनुवृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
कर्तुम् | कृ | pos=vi |
उत्सहे | उत्सह् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |