कुमारसम्भवम् — 5.49
Original
Segmented
अवैमि सौभाग्य-मदेन वञ्चितम् तव प्रियम् यः चतुर-अवलोकिनः करोति लक्ष्यम् चिरम् अस्य चक्षुषो न वक्त्रम् आत्मीयम् अराल-पक्ष्मन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अवैमि | अवे | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
सौभाग्य | सौभाग्य | pos=n,comp=y |
मदेन | मद | pos=n,g=m,c=3,n=s |
वञ्चितम् | वञ्चय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
चतुर | चतुर | pos=a,comp=y |
अवलोकिनः | अवलोकिन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
करोति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
लक्ष्यम् | लक्ष्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
चिरम् | चिरम् | pos=i |
अस्य | इदम् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
चक्षुषो | चक्षुस् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
न | न | pos=i |
वक्त्रम् | वक्त्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
आत्मीयम् | आत्मीय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
अराल | अराल | pos=a,comp=y |
पक्ष्मन् | पक्ष्मन् | pos=n,g=n,c=6,n=s |