कुमारसम्भवम् — 3.21
Original
Segmented
मधुः च ते मन्मथ साहचर्याद् असौ अनुक्तः ऽपि सहाय एव समीरणो नोदयिता भव इति व्यादिश्यते केन हुताशनस्य
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मधुः | मधु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
मन्मथ | मन्मथ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
साहचर्याद् | साहचर्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
असौ | अदस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अनुक्तः | अनुक्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
सहाय | सहाय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
समीरणो | समीरण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नोदयिता | नोदयितृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भव | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
इति | इति | pos=i |
व्यादिश्यते | व्यादिश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
केन | केन | pos=i |
हुताशनस्य | हुताशन | pos=n,g=m,c=6,n=s |