कुमारसम्भवम् — 3.17
Original
Segmented
गुरोः नियोगाच् च नगेन्द्र-कन्या स्थाणुम् तपस्यन्तम् अधित्यकायाम् अन्वास्त इत्य् अप्सरसाम् मुखेभ्यः श्रुतम् मया मद्-प्रणिधिः स वर्गः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गुरोः | गुरु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
नियोगाच् | नियोग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
च | च | pos=i |
नगेन्द्र | नगेन्द्र | pos=n,comp=y |
कन्या | कन्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
स्थाणुम् | स्थाणु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तपस्यन्तम् | तपस्य् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
अधित्यकायाम् | अधित्यका | pos=n,g=f,c=7,n=s |
अन्वास्त | अन्वास् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
इत्य् | इति | pos=i |
अप्सरसाम् | अप्सरस् | pos=n,g=f,c=6,n=p |
मुखेभ्यः | मुख | pos=n,g=n,c=5,n=p |
श्रुतम् | श्रु | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
मद् | मद् | pos=n,comp=y |
प्रणिधिः | प्रणिधि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वर्गः | वर्ग | pos=n,g=m,c=1,n=s |