कुमारसम्भवम् — 1.27
Original
Segmented
महीभृतः पुत्रवतो ऽपि दृष्टिस् तस्मिन्न् अपत्ये न जगाम तृप्तिम् अनन्त-पुष्पस्य मधोः हि चूते द्विरेफ-माला स विशेष-सङ्गा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
महीभृतः | महीभृत् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पुत्रवतो | पुत्रवत् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
दृष्टिस् | दृष्टि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
तस्मिन्न् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
अपत्ये | अपत्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
न | न | pos=i |
जगाम | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तृप्तिम् | तृप्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अनन्त | अनन्त | pos=a,comp=y |
पुष्पस्य | पुष्प | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मधोः | मधु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
हि | हि | pos=i |
चूते | चूत | pos=n,g=m,c=7,n=s |
द्विरेफ | द्विरेफ | pos=n,comp=y |
माला | माला | pos=n,g=f,c=1,n=s |
स | स | pos=i |
विशेष | विशेष | pos=n,comp=y |
सङ्गा | सङ्ग | pos=n,g=f,c=1,n=s |