कुमारसम्भवम् — 1.12
Original
Segmented
दिवाकराद् रक्षति यो गुहासु लीनम् दिवा भीतम् इव अन्धकारम् क्षुद्रे ऽपि नूनम् शरणम् प्रपन्ने ममत्वम् उच्चैस् शिरस् सती इव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दिवाकराद् | दिवाकर | pos=n,g=m,c=5,n=s |
रक्षति | रक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
गुहासु | गुहा | pos=n,g=f,c=7,n=p |
लीनम् | ली | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
दिवा | दिवा | pos=i |
भीतम् | भी | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |
अन्धकारम् | अन्धकार | pos=n,g=m,c=2,n=s |
क्षुद्रे | क्षुद्र | pos=a,g=m,c=7,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
नूनम् | नूनम् | pos=i |
शरणम् | शरण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रपन्ने | प्रपद् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
ममत्वम् | ममत्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उच्चैस् | उच्चैस् | pos=i |
शिरस् | शिरस् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
सती | सत् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |